अनुबंध (Agreement) शब्द हमें अक्सर सुनाई पड़ता रहता है। म्युचअल एग्रीमेंट (Mutual Agreement), रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement), लोन एग्रीमेंट (Loan Agreement) और एग्रीमेंट फॉर इंटर्नशिप Agreement for Internship) जैसे तमाम एग्रीमेंट आज की आवश्यकता हो गए हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हम अनुबंध (Agreement) के बारे में प्राप्त करते हैं महत्त्वपूर्ण जानकारी, जिसमें शामिल है:
1. अनुबंध (Agreement) क्या होते हैं?
2. अनुबंध (Agreement) कैसे तैयार किये जाते हैं तथा किन बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए?
1. अनुबंध (Agreement) क्या होते हैं?
2. अनुबंध (Agreement) कैसे तैयार किये जाते हैं तथा किन बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए?
3. अनुबंध (Agreement) की भाषा क्या होनी चाहिए?
4. अनुबंध (Agreement) की स्टाम्प ड्यूटी क्या है?
5. क्या अनुबंध (Agreement) का रजिस्ट्रेशन आवश्यक है?
1. अनुबंध (Agreement) क्या होते हैं?
अनुबंध (Agreements) साधारणतया ऐसे लिखे हुए दस्तावेज होते हैं, जो कि अनुबंध के पक्षकारों (Parties) के बीच लिखे जाते हैं।
2. अनुबंध (Agreement) कैसे तैयार किये जाते हैं तथा किन बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए?
अनुबंध में प्रतिफल की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रतिफल का मतलब हुआ कि किसी वस्तु के बदले में मिलने वाला धन। अनुबंध के लिए दी गयी सहमति स्वतन्त्र होनी चाहिए। अनुबंध करने के लिए व्यक्ति का सक्षम होना बहुत आवश्यक होता है। अनुबंध के लिए व्यक्ति का व्यस्क होना अति आवश्यक है। वैध अनुबंध के लिए अनुबंध का लिखित में होना अति आवश्यक है।
अनुबंधों को तैयार करने में सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि इसमें पक्षकारों के उद्देश्य स्पष्ट रूप से व्यक्त किये जाने चाहिए, जिससे भविष्य में किसी प्रकार के वाद-विवाद का प्रश्न न उठे। अनुबंधों को ड्राफ्ट करते समय सरल और निश्चित व स्पष्ट अभिप्राय वाले शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए। अनुबंध तैयार करते समय सबसे ऊपर शीर्षक लिखें तथा उसके नीचे दोनों पक्षकारों के नाम, उम्र व पता को लिखें। तत्पश्चात जिस प्रयोजन से अनुबंध बनाना है उसका वर्णन सरल व स्पष्ट शब्दों में करें। इस प्रकार के अनुबंध पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर होना चाहिए। साधारणतया इस प्रकार के अनुबंध की दो प्रतियां तैयार की जाती हैं और दोनों पक्ष एक-एक प्रति अपने पास रखते हैं। अनुबंध की ऐसी दोनों प्रतियों पर दोनों पक्षकार के हस्ताक्षर होने चाहिए और दोनों प्रतियां एक समान होनी चाहिए। इनका प्रमाणीकरण (Attestation) सामान्य नियमों के अधीन किया जाना चाहिए।
4. अनुबंध (Agreement) की स्टाम्प ड्यूटी क्या है?
5. क्या अनुबंध (Agreement) का रजिस्ट्रेशन आवश्यक है?
1. अनुबंध (Agreement) क्या होते हैं?
अनुबंध (Agreements) साधारणतया ऐसे लिखे हुए दस्तावेज होते हैं, जो कि अनुबंध के पक्षकारों (Parties) के बीच लिखे जाते हैं।
2. अनुबंध (Agreement) कैसे तैयार किये जाते हैं तथा किन बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए?
अनुबंध में प्रतिफल की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रतिफल का मतलब हुआ कि किसी वस्तु के बदले में मिलने वाला धन। अनुबंध के लिए दी गयी सहमति स्वतन्त्र होनी चाहिए। अनुबंध करने के लिए व्यक्ति का सक्षम होना बहुत आवश्यक होता है। अनुबंध के लिए व्यक्ति का व्यस्क होना अति आवश्यक है। वैध अनुबंध के लिए अनुबंध का लिखित में होना अति आवश्यक है।
अनुबंधों को तैयार करने में सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि इसमें पक्षकारों के उद्देश्य स्पष्ट रूप से व्यक्त किये जाने चाहिए, जिससे भविष्य में किसी प्रकार के वाद-विवाद का प्रश्न न उठे। अनुबंधों को ड्राफ्ट करते समय सरल और निश्चित व स्पष्ट अभिप्राय वाले शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए। अनुबंध तैयार करते समय सबसे ऊपर शीर्षक लिखें तथा उसके नीचे दोनों पक्षकारों के नाम, उम्र व पता को लिखें। तत्पश्चात जिस प्रयोजन से अनुबंध बनाना है उसका वर्णन सरल व स्पष्ट शब्दों में करें। इस प्रकार के अनुबंध पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर होना चाहिए। साधारणतया इस प्रकार के अनुबंध की दो प्रतियां तैयार की जाती हैं और दोनों पक्ष एक-एक प्रति अपने पास रखते हैं। अनुबंध की ऐसी दोनों प्रतियों पर दोनों पक्षकार के हस्ताक्षर होने चाहिए और दोनों प्रतियां एक समान होनी चाहिए। इनका प्रमाणीकरण (Attestation) सामान्य नियमों के अधीन किया जाना चाहिए।
3. अनुबंध (Agreement) की भाषा क्या होनी चाहिए?
अनुबंध की भाषा हिंदी, अंग्रेजी अथवा राज्य की स्थानीय भाषा हो सकती है, जिसे दोनों पक्षकार आसानी से पढ़ व समझ सकें।
4. अनुबंध (Agreement) की स्टाम्प ड्यूटी क्या है?
अनुबंधों पर स्टाम्प ड्यूटी की दर अलग-अलग राज्यों (States) में अलग-अलग होती है। विभिन्न राज्यों में स्टाम्प ड्यूटी अलग-अलग है। हर राज्य ने इंडियन स्टाम्प एक्ट के स्थानीय संशोधन करके अलग-अलग कोटि के अनुबंधों के लिए अलग-अलग स्टाम्प ड्यूटी निर्धारित की है। अतः कोई भी अनुबंध तैयार करने के पहले अनुबंध पर देय स्टाम्प ड्यूटी की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
4. अनुबंध (Agreement) की स्टाम्प ड्यूटी क्या है?
अनुबंधों पर स्टाम्प ड्यूटी की दर अलग-अलग राज्यों (States) में अलग-अलग होती है। विभिन्न राज्यों में स्टाम्प ड्यूटी अलग-अलग है। हर राज्य ने इंडियन स्टाम्प एक्ट के स्थानीय संशोधन करके अलग-अलग कोटि के अनुबंधों के लिए अलग-अलग स्टाम्प ड्यूटी निर्धारित की है। अतः कोई भी अनुबंध तैयार करने के पहले अनुबंध पर देय स्टाम्प ड्यूटी की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
5. क्या अनुबंध (Agreement) का रजिस्ट्रेशन आवश्यक है?
अनुबंधों के रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में सामान्य नियम है कि यदि कोई अनुबंध किसी अचल संपत्ति (Immovable Property) में हित उत्पन्न नहीं करता है तो ऐसे अनुबंध का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है किन्तु यदि वह अचल संपत्ति में हित उत्पन्न करता है तो उसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
मित्रों, उम्मीद है कि आपको अनुबंध (Agreement) के बारे में उक्त जानकारी और लेख पसंद आया होगा। अगर आप के मन में अनुबंध (Agreement) से सम्बंधित किसी भी प्रकार का कोई भी प्रश्न है, तो कमेंट करके हमें अवश्य सूचित करियेगा।
अनुबंधों के रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में सामान्य नियम है कि यदि कोई अनुबंध किसी अचल संपत्ति (Immovable Property) में हित उत्पन्न नहीं करता है तो ऐसे अनुबंध का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है किन्तु यदि वह अचल संपत्ति में हित उत्पन्न करता है तो उसका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
मित्रों, उम्मीद है कि आपको अनुबंध (Agreement) के बारे में उक्त जानकारी और लेख पसंद आया होगा। अगर आप के मन में अनुबंध (Agreement) से सम्बंधित किसी भी प्रकार का कोई भी प्रश्न है, तो कमेंट करके हमें अवश्य सूचित करियेगा।
No comments:
Post a Comment