Friday, April 24, 2020

How to do Court Marriage in Hindi | Court Marriage क्या होती है | Court Marriage कैसे करें | Court Marriage के लिए क्या documents आवश्यक हैं | जानिए कोर्ट मैरिज के बारे में पूरी जानकारी

कोर्ट मैरिज, आज के समय में बहुत ही सामान्य सी बात हो गयी है। इसके विपरीत अभी भी बहुत से लोगों को इसके बारे में सम्पूर्ण विधिक जानकारी प्राप्त नहीं है, जिससे वे अनावश्यक रूप से परेशान हो जाते हैं। कोर्ट मैरिज के बारे में एक बात तो स्पष्ट जान लें कि कोर्ट मैरिज बिना किसी परंपरागत समारोह के कोर्ट में मैरिज ऑफिसर के सामने संपन्न होती है। इस विवाह में कोई परंपरागत समारोह आयोजित नहीं किये जाते हैं। आज इस लेख के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा कि-

1. कोर्ट मैरिज क्या होती है?
2. कोर्ट मैरिज करने के लिए क्या आवश्यक शर्तें/ अर्हतायें होती हैं?
3. कोर्ट मैरिज के लिए क्या डाक्यूमेंट्स आवश्यक हैं?
4. कोर्ट मैरिज में कितना समय लगता है?
5. कोर्ट मैरिज करने के लिए माता-पिता की मंजूरी अनिवार्य है या नहीं?
6. कोर्ट मैरिज में पुनर्विवाह किया जा सकता है या नहीं?
7. कोर्ट मैरिज ऑनलाइन किया जा सकता है या नहीं?
इसके अतिरिक्त कोर्ट मैरिज से जुड़ी अन्य सभी आवश्यक जानकारी एवं कोर्ट मैरिज के लिए
कानूनी प्रक्रिया।

1. कोर्ट मैरिज क्या होती है?
 
भारत में, कोर्ट मैरिज का प्राविधान विशेष विवाह अधिनियम 1954 में है। विशेष विवाह अधिनियम मुख्य रूप से अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाह से संबंधित है। यह अधिनियम पंजीकरण के माध्यम से विवाह को मान्यता प्रदान करने के लिये अधिनियमित किया गया है। इसमें विवाह के दोनों पक्षों को अपने-अपने धर्म को छोड़ने की ज़रूरत नहीं होती है। यह अधिनियम हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन और बौद्धों आदि सभी पर लागू होता है तथा इसके दायरे में भारत के सभी राज्य आते हैं। विशेष विवाह अधिनियम 1954 न केवल विभिन्न जातियों और धर्मों से संबंधित कानून है, बल्कि यह विदेशों में रहने वाले हर भारतीय नागरिक के लिए भी है।

2. कोर्ट मैरिज करने के लिए क्या आवश्यक शर्तें/ अर्हतायें होती हैं?

कोर्ट मैरिज करने के लिए कुछ नियम और शर्ते हैं। जिनका पालन होने पर ही कोर्ट में विवाह की प्रक्रिया पूर्ण हो सकती है।
  • शादी के लिए आवेदन करने वाले किसी भी पक्ष का पूर्व में विवाह न हुआ हो और अगर यदि हुआ भी है तो विवाह में शामिल होने वाले दोनों पक्षों की पहली शादी से जुड़े पति या पत्नी जीवित न हो साथ ही कोई पूर्व विवाह वैध न हो।
  • दोनों पक्ष वैध सहमति देने के लिए सक्षम होने चाहिए।
  • दोनों पक्षों को स्वेच्छा से इस विवाह में शामिल होना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि दोनों पक्षकार समझ-बूझ रखने वाले व्यक्ति हों, पागल न हों।
  • दूल्हे की उम्र 21 और दुल्हन की 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए।
  • दोनों पक्षों को निषिद्ध संबंधों की सीमा से बाहर होना चाहिए।

3. कोर्ट मैरिज के लिए क्या डाक्यूमेंट्स आवश्यक हैं?
  • पूरी तरह से भरा हुआ आवेदन पत्र और जरूरी शुल्क। 
  • वर एवं वधू के पासपोर्ट साइज के चार-चार फोटो।
  • वर एवं वधू के निवास व पहचान का प्रमाण पत्र।
  • वर एवं वधू के उम्र के प्रमाण के तौर पर जन्म प्रमाण पत्र या दसवीं की मार्कशीट।
  • वर एवं वधू के शपथपत्र कि दाेनों में कोई भी किसी अवैध रिश्ते में नहीं बंधा है।
  • तलाकशुदा के मामले में तलाक का आदेश और विधवा के मामले में पहले के जीवन साथी का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाना होगा।
  • गवाहों की फोटो व पहचान का प्रमाण पत्र।

4. कोर्ट मैरिज में कितना समय लगता है?
 
यदि विवाह में कोई कानूनी बाधा न हो तो नोटिस जारी करने के 30 दिनों के उपरान्त तथा आवेदन प्रस्तुत करने के तीन माह समाप्त होने के पूर्व कभी भी जिला विवाह अधिकारी के समक्ष विवाह संपन्न कराया जा सकता है। जिस के उपरान्त जिला विवाह अधिकारी विवाह का प्रमाण पत्र जारी कर देता है।
 
5. कोर्ट मैरिज करने के लिए माता-पिता की मंजूरी अनिवार्य है या नहीं?
 
कोर्ट मैरिज के लिए माता-पिता की मंजूरी जरूरी नहीं है, बशर्ते दिए गए नियमों और शर्तो का पालन पूर्ण रूप से किया गया हो।

6. कोर्ट मैरिज में पुनर्विवाह किया जा सकता है?
 
जहां पूर्व विवाह भंग हो गया हो और अपील का अधिकार समाप्त हो गया हो या निर्देशित समय सीमा में याचिका नहीं लगाई गई हो या अपील खारिज हो गई हो, तो विशेष विवाह अधिनियम 1954 के अंतर्गत पक्षकार पुनर्विवाह कर सकते हैं।
 
7. कोर्ट मैरिज ऑनलाइन किया जा सकता है या नहीं?
 
नहीं। विशेष विवाह अधिनियम 1954 के अंतर्गत विवाह पंजीकरण ऑनलाइन नहीं किया जा सकता है, इसके लिए जिला विवाह अधिकारी (District Marriage officer) के सामने स्वयं उपस्थित होना आवश्यक है। 


कोर्ट मैरिज के लिए क़ानूनी प्रक्रिया (Legal Process) क्या होती है

विशेष विवाह अधिनियम 1954 के अंतर्गत कोर्ट मैरिज के लिए सर्वप्रथम जिले के विवाह अधिकारी को विवाह में शामिल होने वाले पक्षों द्वारा लिखित में सूचना दी जानी चाहिए। सूचना उस जिले के विवाह अधिकारी को दी जाएगी जिस राज्य के जिले में उभय पक्ष विवाह करना चाहते हैं, जिसमें कम से कम एक पक्ष को सूचना की तारीख से कम से कम 1 महीने पहले से शहर में निवास किया होना जरूरी है। सूचना के लिए विशेष विवाह अधिनियम 1954 की अनुसूची में प्रारूप दिया गया है। फॉर्म के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न होने चाहिए। 

इस प्रकार विवाह हेतु आवेदन कर दिए जाने के पश्चात विवाह अधिकारी जिसके सामने सूचना दी जाती है, वह सूचना प्रकाशित करता है। सूचना की एक प्रति कार्यालय में एक विशिष्ट स्थान पर तथा एक प्रति उस जिला कार्यालय में जहां विवाह पक्ष स्थाई रूप से निवास करते हैं, प्रकाशित की जाती है। यदि विवाह के इच्छुक दोनों में से कोई एक व्यक्ति किसी दूसरे जिले का निवासी है तो यह नोटिस उस जिले के कलेक्टर को भेजा जाता है और वहाँ सार्वजनिक स्थान पर चिपकाया जाता है। इस नोटिस का उद्देश्य यह जानना है कि दोनों स्त्री-पुरुष विवाह के लिए पात्रता रखते हैं अथवा नहीं। 

यदि विवाह में कोई कानूनी बाधा न हो तो नोटिस जारी करने के 30 दिनों के उपरान्त तथा आवेदन प्रस्तुत करने के तीन माह समाप्त होने के पूर्व कभी भी जिला विवाह अधिकारी के समक्ष विवाह संपन्न कराया जा सकता है। दोनों पक्ष जो शादी करना चाहते हैं यानि, वर एवं वधू और साथ में तीन गवाह चाहिए होते हैं। जो विवाह अधिकारी की उपस्थिति में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं। जिस के उपरान्त जिला विवाह अधिकारी विवाह का प्रमाण पत्र जारी कर देता है। 

आवेदन के पश्चात नियत समय में कोई भी व्यक्ति उक्त विवाह हेतु अपनी आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है। ऐसी आपत्ति जिले के विवाह अधिकारी के सामने प्रस्तुत की जाती है। यदि आपत्ति स्वीकार कर लिया जाए तो आपत्ति प्रस्तुति के 30 दिनों के भीतर विवाह अधिकारी को जांच पड़ताल करना जरूरी है और यदि प्रस्तुत आपत्तियों को सही पाया गया तो विवाह संपन्न नहीं हो पाएगा। ऐसी स्थिति में, स्वीकार की गई आपत्तियों पर कोई भी पक्ष अपील दर्ज कर सकता है। अपील जिला न्यायालय में विवाह अधिकारी के क्षेत्र में दर्ज की जा सकती है। ऐसी अपील आपत्ति स्वीकार होने के 30 दिन के भीतर दर्ज की जा सकती है।

मित्रों, उम्मीद है कि आपको उक्त लेख पसंद आया होगा। अगर आप के मन में कोर्ट मैरिज से सम्बंधित किसी भी प्रकार का कोई भी प्रश्न है, तो कमेंट करके हमें अवश्य सूचित करियेगा।  



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