1. एफिडेविट (Affidavit) क्या होता है?
2. एफिडेविट कितने प्रकार के होते हैं?
3. एफिडेविट का उद्देश्य क्या है?
4. एफिडेविट का प्रयोग कहाँ होता है?
5. एफिडेविट कैसे बनवाएं?
6. एफिडेविट की भाषा क्या होती है?
7. एफिडेविट के लिए स्टाम्प पेपर और फीस क्या निर्धारित है?
8. एफिडेविट को अटेस्ट कहां करवाएं?
9. गलत एफिडेविट देने के क्या प्रभाव हैं?
10. गलत एफिडेविट देने पर क्या सजा हो सकती है?
1. एफिडेविट (Affidavit) क्या होता है?
जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने या न करने की लिखित रूप में स्वेच्छा से तथ्यात्मक घोषणा करता है तो इस लिखित घोषणा को Affidavit कहते हैं। Affidavit को हिंदी में शपथ-पत्र भी कहते हैं। इसे हलफनामा भी कहा जाता है।
2. एफिडेविट कितने प्रकार के होते हैं?
सामान्यतया एफिडेविट दो प्रकार के होते हैं- पहला वह होता है जो हम किसी सरकारी, गैर सरकारी ऑफिस, अर्द्धन्यायिक संस्था या विद्यालय आदि में शपथ के रूप में देते हैं। दूसरा वह होता है जो हम कोर्ट में देते हैं। कोर्ट में दिया जाने वाला एफिडेविट साधारण एफिडेविट जैसा ही होता है किन्तु इसके ऊपर कोर्ट का नाम लिखा हुआ होता है। इसको नये केस, जवाबदावा या एप्लीकेशन के समर्थन में या गवाही के रूप में कोर्ट में दिया जाता है।
3. एफिडेविट का उद्देश्य क्या है?
एफिडेविट एक दस्तावेज है जिसके माध्यम से हम अपनी बात को सशपथ कहते हैं। जब कोई व्यक्ति एफिडेविट देता है तो इसका सीधा तात्पर्य यह है कि शपथकर्ता जो भी कह रहा है, वह अपनी खुद की मर्जी से कह रहा है और उसके द्वारा कहा गया कथन बिलकुल सत्य है।
4. एफिडेविट का प्रयोग कहाँ होता है?
ऐफिडेविट का इस्तेमाल कोर्ट में भी हो सकता है और सरकारी, गैर सरकारी ऑफिस, अर्द्धन्यायिक संस्था या विद्यालय आदि में भी। जन्म प्रमाणपत्र से लेकर विवाह के प्रमाणपत्र तक हर जगह एफिडेविट की आवश्यकता पड़ती है।
5. एफिडेविट कैसे बनवाएं?
एफिडेविट एक दस्तावेज है जिसके माध्यम से हम अपनी बात को सशपथ कहते हैं। जब कोई व्यक्ति एफिडेविट देता है तो इसका सीधा तात्पर्य यह है कि शपथकर्ता जो भी कह रहा है, वह अपनी खुद की मर्जी से कह रहा है और उसके द्वारा कहा गया कथन बिलकुल सत्य है।
4. एफिडेविट का प्रयोग कहाँ होता है?
ऐफिडेविट का इस्तेमाल कोर्ट में भी हो सकता है और सरकारी, गैर सरकारी ऑफिस, अर्द्धन्यायिक संस्था या विद्यालय आदि में भी। जन्म प्रमाणपत्र से लेकर विवाह के प्रमाणपत्र तक हर जगह एफिडेविट की आवश्यकता पड़ती है।
5. एफिडेविट कैसे बनवाएं?
एफिडेविट बनवाने के लिए सबसे पहले आपको ऊपर शीर्षक लिखना होता है, जिस सम्बन्ध में आप एफिडेविट बनवा रहे हैं। जैसे यदि आप अपने पुत्र के जन्म दिनांक के सम्बन्ध में एफिडेविट दे रहे हैं तो उसके लिए सबसे पहले आपको उसके ऊपर लिखना होगा जन्म दिनांक हेतु शपथपत्र या आप सीधे शपथपत्र भी लिख सकते हैं। उसके बाद आपको उस एफिडेविट में अपना नाम, पता और अपनी आयु (यदि पुत्र नाबालिग है) लिखनी होती है। फिर आपको उस एफिडेविट के अंदर एफिडेविट बनवाने का उद्देश्य लिखना होता है कि आप एफिडेविट क्यों बनवाना चाहते हैं या क्यों बनवा रहे हैं। फिर आप को शपथ लिखनी होती है कि ऊपर बताई गई सारी बातें बिल्कुल सच हैं। फिर आपको उसके नीचे अपने हस्ताक्षर करने होते हैं। हस्ताक्षर करने के बाद आपको आख़िर में अपने एफिडेविट को रजिस्टर करवाना होता है। कोर्ट के एफिडेविट में ऊपर उस कोर्ट का नाम लिखना होता है, जिस कोर्ट में एफिडेविट देना होता है और उस एफिडेविट में आप वही बातें लिखेंगे जो आपको कोर्ट के अंदर बोलना है।
6. एफिडेविट की भाषा क्या होती है?
एफिडेविट हिंदी, इंग्लिश या अपने राज्य की किसी लोकल भाषा में बनवाये सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में एफिडेविट देना हो तो इंग्लिश भाषा में ही देना होता है। हाँ, विशेष अनुमति पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी अपने राज्य की लोकल भाषा में एफिडेविट दिया जा सकता है।
7. एफिडेविट के लिए स्टाम्प पेपर और फीस क्या निर्धारित है?
सामान्तया एफिडेविट रूपए 10/- के स्टाम्प पेपर पर बनवाये जाते हैं। किन्तु राज्यों का अपना-अपना Stamp Duty Act होने के कारण यह राशि भिन्न-भिन्न हो सकती है। सामान्तया कोर्ट में दिए जाने वाले एफिडेविट पर जुडिशल स्टाम्प (कोर्ट फीस) का प्रयोग होता है जबकि अन्य स्थानों पर दिए जाने वाले एफिडेविट पर नॉन-जुडिशल स्टाम्प पेपर का प्रयोग किया जाता है।
8. एफिडेविट को अटेस्ट कहां करवाएं?
एफिडेविट में की गई घोषणा किसी ऐसे व्यक्ति के समक्ष ली जाती है जो विधि द्वारा उसके लिए अधिकृत हो, जैैसे नोटरी पब्लिक या ओथ कमिश्नर। सामान्यतया कोर्ट में दिए जाने वाले एफिडेविट ओथ कमिश्नर से और कोर्ट के बाहर अन्य विभागों को दिए जाने वाले एफिडेविट नोटरी पब्लिक से अटेस्ट करवाए जाते हैं।
9. गलत एफिडेविट देने के क्या प्रभाव हैं?
गलत तथ्यों पर एफिडेविट देना अपराध की श्रेणी में आता है। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठा बयान देता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यदि कोई व्यक्ति किसी और के बदले में ऐफिडेविट पर दस्तखत करता है और उसका गलत इस्तेमाल करता है, तो ऐसा करने वाले शख्स के खिलाफ मुकदमा बन सकता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा गलत शपथ-पत्र अदालती कार्रवाई के दौरान पेश किया जाता है, तो अदालत ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दे सकती है।
10. गलत एफिडेविट देने पर क्या सजा हो सकती है?
किसी और व्यक्ति के बदले में ऐफिडेविट पर दस्तखत कर उसका गलत इस्तेमाल करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा-419 (पहचान बदलकर धोखा देना) के तहत 3 साल तक की सजा हो सकती है। किसी सरकारी या गैर सरकारी ऑफिस में झूठा सबूत पेश करने के मामले में दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की सजा हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा गलत शपथ-पत्र अदालती कार्रवाई के दौरान पेश किया जाता है, तो उस इंसान को भारतीय दंड संहिता की धारा-193 के तहत अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है।
6. एफिडेविट की भाषा क्या होती है?
एफिडेविट हिंदी, इंग्लिश या अपने राज्य की किसी लोकल भाषा में बनवाये सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में एफिडेविट देना हो तो इंग्लिश भाषा में ही देना होता है। हाँ, विशेष अनुमति पर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी अपने राज्य की लोकल भाषा में एफिडेविट दिया जा सकता है।
7. एफिडेविट के लिए स्टाम्प पेपर और फीस क्या निर्धारित है?
सामान्तया एफिडेविट रूपए 10/- के स्टाम्प पेपर पर बनवाये जाते हैं। किन्तु राज्यों का अपना-अपना Stamp Duty Act होने के कारण यह राशि भिन्न-भिन्न हो सकती है। सामान्तया कोर्ट में दिए जाने वाले एफिडेविट पर जुडिशल स्टाम्प (कोर्ट फीस) का प्रयोग होता है जबकि अन्य स्थानों पर दिए जाने वाले एफिडेविट पर नॉन-जुडिशल स्टाम्प पेपर का प्रयोग किया जाता है।
8. एफिडेविट को अटेस्ट कहां करवाएं?
एफिडेविट में की गई घोषणा किसी ऐसे व्यक्ति के समक्ष ली जाती है जो विधि द्वारा उसके लिए अधिकृत हो, जैैसे नोटरी पब्लिक या ओथ कमिश्नर। सामान्यतया कोर्ट में दिए जाने वाले एफिडेविट ओथ कमिश्नर से और कोर्ट के बाहर अन्य विभागों को दिए जाने वाले एफिडेविट नोटरी पब्लिक से अटेस्ट करवाए जाते हैं।
9. गलत एफिडेविट देने के क्या प्रभाव हैं?
गलत तथ्यों पर एफिडेविट देना अपराध की श्रेणी में आता है। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठा बयान देता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यदि कोई व्यक्ति किसी और के बदले में ऐफिडेविट पर दस्तखत करता है और उसका गलत इस्तेमाल करता है, तो ऐसा करने वाले शख्स के खिलाफ मुकदमा बन सकता है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा गलत शपथ-पत्र अदालती कार्रवाई के दौरान पेश किया जाता है, तो अदालत ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दे सकती है।
10. गलत एफिडेविट देने पर क्या सजा हो सकती है?
किसी और व्यक्ति के बदले में ऐफिडेविट पर दस्तखत कर उसका गलत इस्तेमाल करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा-419 (पहचान बदलकर धोखा देना) के तहत 3 साल तक की सजा हो सकती है। किसी सरकारी या गैर सरकारी ऑफिस में झूठा सबूत पेश करने के मामले में दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की सजा हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा गलत शपथ-पत्र अदालती कार्रवाई के दौरान पेश किया जाता है, तो उस इंसान को भारतीय दंड संहिता की धारा-193 के तहत अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है।
मित्रों, उम्मीद है कि आपको एफिडेविट के बारे में जानकारी अच्छी लगी होगी और उक्त लेख पसंद आया होगा। अगर आप के मन में Affidavit से सम्बंधित किसी भी प्रकार का कोई भी प्रश्न है, तो कमेंट करके हमें अवश्य सूचित करियेगा।
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